Twin Tower: नोएडा में 800 करोड़ कीमत की 2 टावरों को 20 करोड़ खर्च कर क्यों गिराया जा रहा है, जाने पूरी कहानी

नोएडा। आज नोएडा में स्थित 70 करोड की लागत से बने और वर्तमान में जिसकी कीमत करीब 800 करोड़ है इन ट्विन टावर को आज कुछ ही सेकेण्डस के अंदर 32 और 29 मंजिला टावरों को ध्वस्थ कर दिया जाएगा। इन दोनो टावरों को ध्वस्थ करने में 20 करोड रूपये का खर्चा आएगा। आखिर इतने साल पहले बनी टावर को क्यों गिराया जा रहा। क्या निर्माण से पहले नोएडा प्रशासन ने इनको बनाने में की जा रही धांधली पर ध्यान नही दिया। जाने विल्डर और प्रशासन ने इनको बनाने मे कैसे नियमों को ताक पर रखा?
Twin Tower के निर्माण की कहानी:
इन टावरों के निर्माण की कहानी 23 नवम्बर 2004 से शुरू हुई। जब नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर 93A में स्थित प्लॉट नंबर 4 पर एमराल्ड कोर्ट कंपनी को टावर निर्माण के लिए जमीन आवंटित की। शुरूआत मे कंपनी को ग्राउंड फ्लोर के साथ 9 मंजिल इमारत बनाने की अनुमति मिली। 2 साल बाद 2006 में अनुमति में संसोधन कर 9 मंजिल के स्थान पर 11 मंजिल की अनुमति दी गई।
जिसके बाद अनुमति में संसोधन कर मंजिलों की संख्या बढाकर पहले 14, फिर 15 और 16 कर दिया गया। 2009 में पुनः संसोधन कर 17 मंजिल की अनुमति दी गई। यह सिलसिला यही नहीं थमा। अधिक लाभ कमाने के लिए 2012 में कंपनी को 40 मंजिल तक निर्माण करने की अनुमति दे दी गई। जिसकी उंचाई 121 मीटर तय की गई।
इसके साथ ही नियमों के अनुसार 2 टावरों के बीच की दूरी कम से कम 16 मीटर होना अनिवार्य है। लेकिन कंपनी ने इस नियम को भी ताक पर रख कर दोनों टावरों के बीच 9 मीटर की दूरी रखी गई। कंपनी ने अनुमति मिलने के बाद एक टावर में 32 मंजिल और दूसरी टावर में 29 मंजिल का निर्माण कर लिया और इमारत में बने फ्लैटों को बेच दिया गया।
जब कोर्ट पहुंचा मामला:
ट्विन टावर में फ्लैट खरीदने वालों ने 2009 में एक आरडब्ल्यू बनाया और इसी ने कंपनी के खिलाफ कानूनी लडाई लड़ी। इस लडाई में पहले नाएडा अथॉरिटी से न्याय की गुहार लगाई गई जब मामला नही सुल्झा तो आरडब्ल्यू ने न्यायालय की शरण ली। इलाहाबाद हाईकार्ट ने 2014 में इस ट्विन टावर को गिराने का आदेश जारी किया। कंपनी के खिलाफ आरडब्ल्यू की लगातर चली लड़ाई के बाद अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा।
जिसके बाद टावर को गिराने की तैयारियों को देखते हुए तारिख को आगे बढाया जाता रहा जिसके बाद आज 28 अगस्त 2022 को इन टावरों को गिरा दिया जाएगा। यह देश में पहली बार होगा जब इतनी बडी इमारत को कुछ सेकेण्डस के अंदर धमाके के साथ ध्वस्त कर दिया जाएगा। इसके लिए पर्याप्त सावधानी बरती जा रही है।