Lumpy Virus: जाने लंपी वायरस के लक्षण और रोकथाम के उपाय, मुफ्त लगाया जा रहा टीका

Lumpy Virus: लंपी वायरस पालतू पशुओं की बीमारी के रूप में एक बड़ा गंभीर संकट आया है। लंपी वायरस भारत के कई राज्यों में पैर पसार रहा है। पशुओं में गौ वंश को अधिक प्रभावित कर रहा है जिसकी चपेट में आकर देश के कई राज्यों में बड़ी संख्या में पशुधन की मौत हो चुकी है। इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि हम तत्काल इस रोग के लक्षण को पहचाने। लंपी वायरस से संक्रमित होने वाले पशुओं में कई तरह के बदलाव आते हैं। अगर आपके पशुओं में यह लक्षण दिख रहे हों तो तत्काल उनका इलाज करवायें।
लंपी वायरस के लक्षण:
संक्रमित होने पर पशुओं को बुखार आने लगता है और सुस्त हो जाते हैं। पैरों में सूजन आ जाती है, आंखों से पानी और मुंह से लगातार लार निकलने लगती है। शरीर में गठान पड़ने लगती है, यह गठान गोल और उभरी हुई होती है। पशुओं का वजन कम होने लगता है और पूरे शरीर पर छोटे-छोटे घाव जैसे उभरे हुए निशान दिखाई देने लगते हैं। दूध देने वाले पशुओं का दूध भी बंद या कम हो जाता है। इसलिए इस रोग से अपने पशुओं को बचाने के लिए तुरंत उपाय करने की आवश्यकता है क्योंकि यह बीमारी पशुओं से पशुओं में फैलती है। यह रोग मच्छर, काटने वाली मक्खी इत्यादि के द्वारा भी एक पशु से दूसरे पशु में फैलता है, लेकिन यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती।
रोकथाम के लिए यह सावधानियां बरतें:
पशुओं के संक्रमित होने के बाद यह वायरस तेजी से फैलता है। इसलिए बेहतर है कि कुछ सावधानियाँ रख कर पशुओं को संक्रमित होने से बचाया जाए। एक पशु में लक्षण दिखने पर तुरंत उसे बाकी पशुओं से अलग करने और पशु चिकित्सक से संपर्क करने के अलावा पशुओं को मक्खी, मच्छर, जूं आदि परजीवियों से बचा कर रखें, संक्रमित इलाके में कीटाणुनाशक का छिड़काव करने, लंपी वायरस से मृत पशुओं के शव को खुले में न छोड़ कर गहरा गड्ढा कर उसमें दफनायें। सरकार की ओर से फ्री में टीका लगाया जा रहा है, ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण इस रोग की रोकथाम कर सकता है इसलिए टीकाकरण अवश्य कराएं।