स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में शिवपुरी पीछे से दूसरे स्थान पर, जिम्मेदार लगे हैं पैसे बचाने में, कैसे स्वच्छ होगा शहर

शिवपुरी। पिछले वर्ष जारी स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों द्धारा बड़े-बड़े दावे कर शहर को अगले वर्ष टॉप 10 मे लाने की बात की जा रही थी। लेकिन स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के परिणाम आने के बाद सभी वादे झूठे साबित हुए। शिवपुरी को टॉप 10 मे लाने की बात करने वाले शहर को टॉप 50 मे भी नही ला सकें हैं। वहीं प्रदेश मे सर्वेक्षण मे शामिल 28 नगर पालिकाओं से तुलना की जाए तो शिवपुरी को पीछे से दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के परिणाम बीते दिन घोषित किए गए जिसमे लगातार छठवी बार इंदौर को पहला स्थाना प्राप्त हुआ वहीं दूसरे स्थान पर गुजरात का सूरत शहर और तीसरी स्थान पर महाराष्ट्र का नवी मुम्बई रहा। बात करे शिवपुरी शहर की तो सर्वे मे शामिल प्रदेश की 28 नगर पालिकाओं मे से शिवपुरी को 27 वां स्थान प्राप्त हुआ है।
वहीं देश मे एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरोें मे शिवपुरी को 79 वां स्थान प्राप्त हुआ है। बात की जाए स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की तो शिवपुरी 372 निकायों मे 94 वां स्थान प्राप्त हुआ था। 2020 मे 132 वां और 2019 मे 82 वां स्थान प्राप्त हुआ था। इस प्रकार देखें तो 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों मे पिछले साल के मुकाबले शिवपुरी की रैंकिंग बढी है लेकिन टॉप 10 से शहर अभी भी कोशों दूर है।
जिम्मेदार अधिकारी पैसे बचाने मे लगे हैं तो कैसे होगा शहर स्वच्छ
बात करें नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकरी के कार्य की तो पहले तो शहर की जनता से लेकर पार्षद और कर्मचारी तक इस बात से नाराज रहते हैं कि वह किसी का फोन ही नही उठाते। इसके बाद बात की जाए उनकी कार्यशैली की तो जब भी मीडिया या कोई जिम्मेदार उनसे किसी कार्य का हिसाब मांगता है तो वह इस बात को प्रमुखता से बताते हैं कि उन्होंने किसी कार्य को करने मे सरकार के कितने रूपये बचाए हैं। जब जिम्मेदार अधिकारी ही शहर को स्वच्छ बनाने की जगह सरकार के पैसे बचाने मे लगा हुआ है तो शहर कैसे स्वच्छ होगा। इस वर्ष से नगर पालिका चुनाव के बाद से अब यह जिम्मेदारी नगर पालिका अध्यक्ष के कंधो पर आ गई है। लेकिन पहली परिषद की बैठक मे जो हंगामे की तस्वीर सामने आई उससे तो नही लगता कि शहर के हालात सुधरेंगे।